उर्वरक

गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र, देवलापार, नागपुर में गाय के गोबर और गोमूत्र से जैविक उर्वरक की शक्ति का अनावरण

देवलापार, नागपुर में गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र, हमारी सांस्कृतिक विरासत, टिकाऊ कृषि और समग्र कल्याण के संरक्षण के लिए समर्पित है। परंपरा और नवीनता को संयोजित करने की अपनी खोज में, हमने गाय के गोबर और गोमूत्र (गोमूत्र) से बने जैविक उर्वरक की उल्लेखनीय क्षमता का पता लगाया है। हमारी वेबसाइट का यह भाग इस पर्यावरण-अनुकूल और पोषक तत्वों से भरपूर खजाने पर प्रकाश डालता है।

गाय का गोबर और गोमूत्र: पारंपरिक ज्ञान

हमारी संस्कृति में पवित्र माने जाने वाले गाय के गोबर और गोमूत्र का उपयोग सदियों से उनके औषधीय और कृषि लाभों के लिए किया जाता रहा है। हमारे पूर्वजों ने इन प्राकृतिक संसाधनों के मूल्य को समझा और हमें उनकी विरासत को जारी रखने पर गर्व है।

गाय के गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद का जादू

पोषक तत्वों से भरपूर: गाय का गोबर और गोमूत्र, जब संयुक्त और खाद बनाते हैं, तो एक शक्तिशाली जैविक उर्वरक प्राप्त होता है। यह नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और सूक्ष्म तत्वों सहित आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है, जो पौधों को संतुलित आहार प्रदान करता है।

संतुलित मिट्टी
इस उर्वरक में मौजूद कार्बनिक पदार्थ मिट्टी की संरचना को बढ़ाते हैं, जल धारण में सुधार करते हैं और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्वस्थ, समृद्ध फसलें होती हैं।

प्राकृतिक कीट नियंत्रण
इस जैविक उर्वरक में मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीव हानिकारक रोगजनकों और कीटों को दबाने में मदद करते हैं, जिससे रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो जाती है।

स्थिरता
Recycling cow dung and Gomutra into organic fertilizer promotes sustainability by utilizing natural resources and reducing waste.

गाय के गोबर और गोमूत्र से जैविक उर्वरक के अनुप्रयोग:

कृषि
हमारा जैविक उर्वरक कृषि के लिए एक वरदान है, जो फसल की पैदावार और समग्र गुणवत्ता को बढ़ाता है।

बागवानी
बागवानों और भूस्वामियों को जीवंत, स्वस्थ उद्यान बनाने के लिए यह अपरिहार्य लगता है।

जैविक खेती
यह हमारी जैविक खेती पद्धतियों की आधारशिला है, जो पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ कृषि सुनिश्चित करती है।

गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र

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